भारतीय वायुसेना का विमान लापता, 13 लोग सवार, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ली स्थिति की जानकारी

भारतीय वायुसेना का विमान लापता, 13 लोग सवार, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ली स्थिति की जानकारी
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ईटानगर। भारतीय वायुसेना का एएन-32 विमान सोमवार को असम से उड़ान भरने के 35 मिनट बाद लापता हो गया। विमान में 13 लोग सवार थे और यह अरुणाचल प्रदेश की ओर जा रहा था। यातायात विमान अरुणाचल प्रदेश के मेचुका में एडवांस लैंडिंग ग्राउंड तक जा रहा था। मेचुका चीन से सटे अरुणाचल प्रदेश के सियांग जिले का एक छोटा सा शहर है। वायुसेना के एक अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, भारतीय वायु सेना के एक एएन-32 विमान ने जोरहाट से अपराह्न् 12.25 बजे उड़ान भरी था, विमान का अपराह्न् 1 बजे जमीनी एजेंसियों से संपर्क कट गया। उसके बाद से विमान से कोई संपर्क नहीं हो सका है। उन्होंने कहा, विमान अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच सका, जिसके बाद वायुसेना की ओर से तलाशी अभियान शुरू किया गया। विमान को खोजने के लिए सभी उपलब्ध संसाधनों को लगा दिया गया है। अधिकारियों ने कहा कि सेना, भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस और अरुणाचल प्रदेश पुलिस लापता विमान को खोजने की कोशिश कर रही है।

वायु सेना ने एएन-32 को खोजने के लिए सी130 ट्रांसपोर्टरों और हेलीकप्टरों को मेचुका-जोरहाट मार्ग पर तैनात किया है। गुवाहाटी में रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल पी। खोंगसाई ने कहा कि लापता विमान को खोजने के प्रयास किए जा रहे हैं। नई दिल्ली में, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर कहा, वायु सेना के वाइस चीफ एयर मार्शल राकेश सिंह भदुरिया से वायुसेना के लापता विमान एएन-32 के बारे में बात की, जोकि कुछ घंटों से लापता है। मंत्री ने कहा, उन्होंने मुझे लापता विमान को खोजने के लिए वायुसेना द्वारा उठाए गए कदम को लेकर अवगत कराया।

मैं विमान में सवार सभी लोगों की सुरक्षा की कामना करता हूं। रक्षा मंत्री ने जताई चिंता: इस मामले पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि मैंने लापता एम एन-32 विमान के बारे में भारतीय वायुसेना के वाइस चीफ, एयर मार्शल राकेश सिंह भदौरिया के से बात की है। उन्होंने मुझे विमान ढूंढने के लिए भारतीय वायुसेना के प्रयासों के बारे में मुझे जानकारी दी है। मैं सभी यात्रियों की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करता हूं। सूत्रों के अनुसार लापता हुए विमान एएन-32 में चालक दल के आठ सदस्य और पांच यात्री सवार थे। अरुणाचल प्रदेश का मेचुका इलाका बहुत ही घना जंगल है। इस क्षेत्र का सिर्फ हवाई जायजा लेने के बाद ही पता चल सकता है कि विमान सही सलामत है या नहीं। जमीन पर तलाशी और बचाव कार्यों के लिए भारत-तिब्बत सीमा पुलिस को तैनात किया गया है। मेन्चुका एडवांस लैंडिंग ग्राउंड, जहां विमान को उतरना था, को पिछले साल 12 जुलाई को दोबारा शुरू किया गया है। 2013 से ये बंद था। (आईएएनएस)

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