राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने जनसंख्या नियंत्रण की आवश्यकता को रेखांकित किया

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने देश में जनसंख्या नियंत्रण के लिए एक नीति विकसित करने की आवश्यकता को रेखांकित किया है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने जनसंख्या नियंत्रण की आवश्यकता को रेखांकित किया

प्रयागराज : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने देश में जनसंख्या नियंत्रण के लिए एक नीति विकसित करने की आवश्यकता को रेखांकित किया है |

सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले ने बुधवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकर्ता मंडल की चार दिवसीय बैठक के समापन पर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, देश में जनसंख्या वृद्धि चिंता का विषय है |

"देश में सीमित संसाधनों को देखते हुए यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। सभी को इस पर आत्ममंथन करना चाहिए और जनसंख्या नियंत्रण की नीति को लागू करना चाहिए। इस मुद्दे पर जागरूकता और जागृति पैदा करने की जरूरत है।" होसबले ने आगे कहा कि हिंदुओं की आबादी कम हो रही है, जिसका मुख्य कारण सीमावर्ती क्षेत्रों में धर्मांतरण हो रहा है।

"धार्मिक आधार पर जनसंख्या असंतुलन के कारण कई राष्ट्रों का विभाजन हुआ है। इसकी वजह से भारत को भी विभाजन का सामना करना पड़ा। धर्म आधारित जनसंख्या संतुलन एक महत्वपूर्ण विषय था जिसे अब नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता था। उन्होंने पूछा,यदि जनसंख्या बढ़ती रही तो लोगों को किस तरह की शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा प्रदान की जाएगी?" ।

चार दिवसीय बैठक में संगठनात्मक कार्यों के विस्तार का भी जायजा लिया गया | उन्होंने कहा, "हमारी योजना 2024 तक देश के हर संभाग में 'शाखा' लगाने की है। हमने पहले ही लक्ष्य का 99 प्रतिशत हासिल कर लिया है। उन्होंने यह भी बताया कि आरएसएस 2025 में 100 साल पूरे कर लेगा और इसलिए यह बैठक देश भर में अपनी शाखाओं की संख्या का विस्तार करने की योजना पर विचार करेगी। (आईएएनएस)

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