'बंगा विभूषण' से सम्मानित प्रतिष्ठित बंगाली गायिका संध्या मुखर्जी का स्वर्गवास

उन्हें 60 और 70 के दशक में पार्श्व गायन की सबसे मधुर आवाज़ों में से एक माना जाता था। उनके पास बंगाली में हजारों गाने और अन्य भाषाओं में लगभग दर्जन गाने हैं।
'बंगा विभूषण' से सम्मानित प्रतिष्ठित बंगाली गायिका संध्या मुखर्जी का स्वर्गवास

पद्मश्री जैसे पुरस्कार को ठुकराने वाली संध्या मुखर्जी को गंभीर स्वास्थ समस्याओं के कारण पश्चिम बंगाल के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल में भर्ती किए जाने के दौरान वह कोरोना संक्रमण के साथ एलवीएफ में इस्केमिक हृदय रोग और मल्टी- ऑर्गन डिशफंक्शन से ग्रस्त थी। मुखर्जी ने 90 साल की उम्र में आखिरी सांस ली।

 डॉक्टर सुशांत सेन ने ट्वीट करके जानकारी दी कि महान बंगाली गायिका संध्या मुखर्जी का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है।

 बता दे कि गायिका ने 27 जनवरी को सांस फूलने की शिकायत की, जिसके बाद उन्हे कोलकाता के सरकारी एसएसकेएम अस्पताल ले जय गया था। कहा गया है बाथरूम में फिसलने के बाद गायिका की तबियत खराब हुई थी।

 मुखर्जी को 'जय जयंती' गाने के लिए साल 1970 में राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाज़ा गया था।

 मुखर्जी ने पद्मश्री लेने से इनकार कर दिया था। जिस पर गायिका की बेटी ने कहा, '90 साल की उम्र में किसी गायिका को पद्मश्री के लिए चुना जाना अपमानजनक है।'

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