भारतीय इतिहास में ऐतिहासिक क्षण: पीएम नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में तीन नए आपराधिक विधेयकों के पारित होने को भारतीय इतिहास में एक 'वाटरशेड मोमेंट' करार देते हुए गुरुवार को कहा कि ये विधेयक औपनिवेशिक युग के कानूनों के अंत का प्रतीक हैं।
भारतीय इतिहास में ऐतिहासिक क्षण: पीएम नरेंद्र मोदी
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नई दिल्ली: संसद में तीन नए आपराधिक विधेयकों के पारित होने को भारतीय इतिहास में एक 'वाटरशेड मोमेंट' बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि ये विधेयक औपनिवेशिक युग के कानूनों के अंत का प्रतीक हैं।

राज्यसभा ने गुरुवार को तीन आपराधिक विधेयकों - भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता विधेयक, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता विधेयक, और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक को पारित कर दिया, जो औपनिवेशिक कानूनों अर्थात् आईपीसी की जगह लेगा। सीआरपीसी और साक्ष्य अधिनियम।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ये परिवर्तनकारी विधेयक सुधार ों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता का प्रमाण हैं। 

उन्होंने कहा, 'भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023, भारतीय न्याय संहिता, 2023 और भारतीय सक्षम अधिनियम, 2023 का पारित होना हमारे इतिहास में एक ऐतिहासिक क्षण है। सार्वजनिक सेवा और कल्याण पर केंद्रित कानूनों के साथ एक नए युग की शुरुआत होती है, "पीएम मोदी ने कहा, "ये परिवर्तनकारी विधेयक सुधार के लिए भारत की प्रतिबद्धता का प्रमाण हैं। वे प्रौद्योगिकी और फोरेंसिक विज्ञान पर ध्यान देने के साथ आधुनिक युग में हमारे कानूनी, पुलिसिंग और जांच प्रणालियों को लाते हैं। ये विधेयक हमारे समाज के गरीब, हाशिए और कमजोर वर्गों के लिए बढ़ी हुई सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं।  

पीएम मोदी ने कहा, 'साथ ही, ये बिल संगठित अपराध, आतंकवाद और ऐसे अपराधों पर कड़ी कार्रवाई करते हैं जो प्रगति की हमारी शांतिपूर्ण यात्रा की जड़ पर प्रहार करते हैं। 

भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) को भारतीय न्याय संहिता से, सीआरपीसी को नागरिक सुरक्षा संहिता से और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को भारतीय साक्ष्य अधिनियम से बदल दिया गया है। (एएनआई)

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