बजट आवंटन: पिछले 6 वर्षों में 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च नहीं किया गया (BUDGETARY ALLOCATIONS)
विभिन्न विभागों के लिए वार्षिक बजटीय आवंटन की भारी मात्रा में अव्ययित रहना असम में लगातार कांग्रेस सरकारों के ट्रेडमार्क थे।

गुवाहाटी: विभिन्न विभागों के लिए वार्षिक बजटीय आवंटन की भारी मात्रा में अव्ययित रहना असम में लगातार कांग्रेस सरकारों का ट्रेडमार्क था। आज यह बात सामने आई कि राज्य सरकारों ने भी पिछले छह वित्तीय वर्षों में इस तरह की विरासत को बरकरार रखा है।
वित्त मंत्री अजंता नियोग ने आज शरद सत्र के दूसरे दिन भाजपा विधायक विद्या सिंग एंगलेंग के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में इस तथ्य का खुलासा किया।
नियोग के अनुसार, राज्य सरकार के विभिन्न विभाग 2016-17 में 78253.36 करोड़ रुपये के आवंटन के मुकाबले 57406.81 करोड़ रुपये, 2017-18 में 95543.08 करोड़ रुपये के मुकाबले 65436 करोड़ रुपये, 2018-19 में 108490.34 करोड़ रुपये के मुकाबले 71850.51 करोड़ रुपये , 2019-20 में 119715.68 करोड़ रुपये के मुकाबले 82588.12 करोड़ रुपये, 2020-21 में 122341.66 करोड़ रुपये के मुकाबले 79154.76 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2021-22 में 136554.68 करोड़ रुपये के मुकाबले 106296.30 करोड़ रुपये खर्च कर सकते हैं।
यह दर्शाता है कि राज्य में पिछले छह वित्तीय वर्षों (FYs) में 202166.34 करोड़ बजटीय आवंटन अव्ययित रहा। संबंधित विभागों द्वारा कुल बजटीय आवंटन को खर्च करने में असमर्थता लोगों को उनके क्षेत्रों में उनके आवंटित लाभों या विकास से वंचित करने के समान है। राज्य में लक्षित लाभार्थियों को पूर्ण रूप से लाभान्वित करने के लिए बजटीय आवंटन को यथासंभव व्यय करना समय की मांग है।
एआईयूडीएफ विधायक रफीकुल इस्लाम के एक सवाल के नियोग के एक अन्य जवाब से यह भी पता चला कि असम ने वित्त वर्ष 2020-21 में विभिन्न एजेंसियों से 19256.59 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2021-22 में 17135.91 करोड़ रुपये (अनंतिम) लिए। इसी तरह, राज्य सरकार को केंद्र से 2020-21 में 45862.97 करोड़ रुपये और वित्तीय वर्ष 2021-22 में 58476.21 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता मिली।
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