
स्टाफ रिपोर्टर
गुवाहाटी: असम सरकार ने राज्य के विदेशी न्यायाधिकरणों में लंबित छह समुदायों - हिंदू, ईसाई, बौद्ध, सिख, पारसी और जैन - के लोगों के खिलाफ मामले वापस लेने का फैसला किया है। यह केवल इन छह समुदायों के उन लोगों पर लागू होगा जो 31 दिसंबर, 2014 को या उससे पहले असम में प्रवेश कर चुके हैं। गृह एवं राजनीतिक विभाग ने हाल ही में अपनी बैठक में यह निर्णय लिया।
बैठक के विवरण में कहा गया है, "डीसी और वरिष्ठ एसपी सभी विदेशियों (पाकिस्तानी/बांग्लादेशी/रोहिंग्या, आदि) की स्थिति की समीक्षा करेंगे। नागरिकता अधिनियम में किए गए संशोधनों के अनुसार, एफटी को उन छह निर्दिष्ट समुदायों (हिंदू, ईसाई, बौद्ध, सिख, पारसी और जैन समुदाय) से संबंधित विदेशियों के मामलों को आगे नहीं बढ़ाना है, जिन्होंने 31 दिसंबर, 2014 को या उससे पहले असम में प्रवेश किया था। ऐसे सभी मामलों को रोकने का सुझाव दिया गया। इस संबंध में, जिला आयुक्तों और वरिष्ठ एसपी को तुरंत अपने संबंधित एफटी सदस्यों के साथ एक बैठक बुलानी चाहिए और समय-समय पर घटनाक्रम की समीक्षा करनी चाहिए और इस विभाग को कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करनी चाहिए।"
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