नई दिल्ली। चिकित्सकों की हड़ताल जो इस हफ्ते की शुरुआत में कोलकाता में शुरू हुई, वह अब पूरे देश में फैल गई है। एम्स के चिकित्सकों के एसोसिएशन ने पश्चिम बंगाल के सहयोगियों के साथ पूरा समर्थन दिखाया है। पिछले चार दिनों में पश्चिम बंगाल में पूरी स्वास्थ्य सेवा प्रणाली चरमरा गई है। अब दिल्ली, मुंबई और भारत के अन्य शहरों में चिकित्सक खासतौर पर राष्ट्रीय राजधानी, रायपुर, पटना व पंजाब के एम्स अस्पतालों में विरोध प्रदर्शन व बंद हो रहे हैं। केरल और हैदराबाद के कई सरकारी अस्पतालों में रेजिडेंट चिकित्सकों ने भी विरोध प्रदर्शन किया। चिकित्सकों ने अपने संबंधित शहरों में काम बंद कर प्रदर्शन शुरू किया है। महाराष्ट्र एसोसिशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (एमएआरडी) के करीब 4500 चिकित्सकों ने 26 सरकारी अस्पतालों में एक साथ शुक्रवार को मरीजों को देखना बंद कर दिया। एमईआरडी के महासचिव दीपक मुंडे ने आईएएनएस से कहा कि चिकित्सक सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे के बीच सभी नियमित ड्यूटी बंद रखेंगे। अस्पताल प्रशासन को सूचित किया गया है कि अन्य दूसरी सेवाओं को बाधित नहीं किया जाए या मरीजों को असुविधा न हो यह सुनिश्चित की जाए। केईएम अस्पताल के बाहर बड़ी संख्या में चिकित्सक बैनर, पोस्टर के साथ कोलकाता में मंगलवार को चिकित्सकों पर हुए हमले के खिलाफ एकजुटता जताने के लिए एकत्र हो गए। सरकारी अस्पताल में मरीज की मौत के बाद चिकित्सकों पर हमला किया गया था। एमएआरडी सदस्यों ने इसी तरह के विरोध प्रदर्शन पुणे, औरंगाबाद व नागपुर में भी किए गए। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) व सफदरजंग अस्पताल के रेजिडेंट चिकित्सकों ने अपने सिर पर पट्टी बाधकर सांकेतिक विरोध किया और सभी गैर इमरजेंसी सेवाओं को निलंबित रखा। सिर्फ पूर्व में समय ले चुके मरीजों को ओपीडी में पंजीकृत किया जा रहा था। बंगाल में हिंसा की निंदा करते हुए एम्स रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने देशभर के सभी आरडीए को सांकेतिक हड़ताल में शामिल होने का आग्रह किया है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने भी अपनी सभी राज्य शाखाओं के सदस्यों से शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन करने और काले बैज पहनने को कहा है। पश्चिम बंगाल के जूनियर चिकित्सक अपने सहयोगियों पर हमला होने व एनआरएस मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में गंभीर रूप से घायल होने को लेकर मंगलवार से हड़ताल कर रहे हैं। हड़ताल के मद्देनजर एम्स ने आईसीयू व वार्ड में भर्ती मरीजों की देखभाल के लिए आकस्मिक उपाय किए हैं। (आईएएनएस)